भ्र’टाचार - विमुक्ति के वांछित कारगर उपाय (व्यक्तिगत विचार)

August 9, 2011

भ्र’टाचार - विमुक्ति के वांछित कारगर उपाय (व्यक्तिगत विचार) द्वारा : डॉ0 राजीव कुमार सिन्हा, गाँधीनगर विकास समिति,लालूचक अंगारी, भागलपुर- 812001 डवइण्छवण् – 9572761561ए म-उंपस रू तंरपअण्पेदीं1959/हउंपसण्बवउए तंरपअऋेपदीं1959/लींववण्बवउ व्यापक पैमाने पर दे”ा में व्याप्त भ्र’टाचार रा’ट्र की आर्थिक रीढ़, सामाजिक सौहार्द को तोड़कर विदे”ाी निवे’ा की उज्जवल सम्भावना का गला घोंट रही है। प्रा—तिक संसाधन सम्पन्न इस गरीबों की बड़ी आबादी वाले रा’ट्र से भ्र’टाचार को निम्नांकित कुछ उपायों द्वारा धीरे-धीरे समाप्त किया जा सकता है : (प) केन्द्रीय एवम्‌ राज्य सरकारों के सभी विभागों एवम्‌ मंत्रालय में लोगों को महत्वपूर्ण सेवाएँ देने वाले वि”ा’ट कामों/ ”ाकायत संबंधी माँगों के नि’पादन के लिए समय सीमाएँ निर्धारित कर घो’ात कर दी जानी चाहिए। (पप) व्यक्ति वि”ाे’ा या कुछ लोगों के समूह द्वारा किसी जन सुविधा या ”ाकायत से संबंधित माँग आवेदन समर्पित करने पर हस्ताक्षरित तिथि युक्त रसीद (मुहर सहित) तुरंत दे दी जानी चाहिए। (पपप) बिना किसी ठोस कारण के नि”चत समयावधि में माँगी गयी सुविधा नहीं उपलब्ध कराये जाने या समस्या का समाधान नहीं किये जाने या माँगी गयी सूचना नहीं प्रदान किये जाने को संबंधित अधिकारी तथा उनके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा भ्र’टाचार का आचरण माना जाना चाहिए। (पअ) ऐसे प्रथम भ्र’ट आचरण के लिए आरोप प्रमाणित होते ही संबंधित अधिकारी सहित उनके अधीनस्थ सभी कर्मचारियों के अगले महीने के वेतन से सूचना देकर कुल वेतन की 20 प्रति”ात रा”ा दण्ड स्वरूप तत्काल काट लिया जाना चाहिए। (अ) उसी अधिकारी द्वारा दूसरी एवम्‌ तीसरी बार ऐसी भ्र’ट आचरणों की पुनरावृति होने की प्रमाणित स्थितियों में तत्काल उनके अगले माह के वेतनों से क्रम”ा 30: प्रति”ात एवं 40: प्रति”ात रा”ायाँ दण्ड स्वरूप काट लेना होगा। (अप) संबंधित विभागों के उन्हीं अधिकारियों तथा उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के चौथी बार भ्र’टाचार में लिप्त पाये जाने पर तत्काल सेवा-समाप्ति का दंड दे देने का कड़ा प्रावधान करना होगा। उपरवर्णित उपायों को अपनाये जाने पर भारत से भ्र’टाचार रूपी कोढ़ का कुछ समय में बहुत हद तक सफाया हो जायेगा।